"कामिनी एक अजीब दास्तां"।
कामिनी भाग १
राइटर
Chetan shri krishna
कामिनी एक अजीब दास्तां
कुछ पाने के लिए कुछ करना पड़ता है और सब कुछ पाने के लिए सब कुछ करना पड़ता है पर मैं आज आपको एक ऐसे गांव में ले चलता हूं जहां सब कुछ पाने के लिए केवल 20 साल का होना पड़ता है।
लाल टेकरा नाम के इस गांव में जो युवक 20 साल का हो जाता है उसे सब कुछ मिल जाता है पर आश्चर्य की बात यह है कि यह रहस्य गांव का एक बुजुर्ग व्यक्ति ही जानता है जिसका रहन-सहन उठना बैठना और बोलचाल एक पागल की तरह है इसी कारण पूरा गांव इसे पागल समझता है और कोई इसकी बात पर यकीन नहीं करता।
आखिर क्या रहस्य है लाल टेकरा गांव का जहां 20 साल के युवक को सब कुछ मिल जाता है और आखिर वह क्या रहस्य है जो केवल इस पागल व्यक्ति को पता है जानने के लिए पढ़ते हैं कामिनी एक अजीब दास्तां।
लाल टेकरा गांव प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुंदर गांव है जिसके चारों ओर कामिनी नाम की एक ठहरी नदी है और बीच में बसा है यह छोटा सा गांव जिसका वातावरण अत्यधिक पेड़ पौधों के कारण सदैव महकता रहता है गांव में प्रवेश के लिए एक पुल बंधा है जो गांव में प्रवेश करने का एकमात्र मार्ग है।
गांव से बाहर पुल के सामने एक छोटा सा रेलवे स्टेशन है जो इस गांव तक पहुंचने का एकमात्र मार्ग है इस वक्त स्टेशन पर एक ट्रेन रुकी है और उसमें से एक सुंदर आकर्षक युवक बाहर आता है जिसके दोनों हाथों में बैग है फिर ट्रेन से और भी कई लोग उतरते हैं इस युवक का नाम आकाश है जिसकी इसी स्टेशन पर टिकट कलेक्टर पोस्ट पर नियुक्ति हुई है।
वहां मौजूद सभी लोग आकाश को बड़े अजीब ढंग से देखते हैं आकाश को भी इन सभी लोगों का रवैया थोड़ा अजीब लगता है पर वह इन लोगों पर बिना ध्यान दिए अपने रेलवे कक्ष में पहुंचता है।
जहां स्टेशन का स्टाफ चाय नाश्ता कर रहा है आकाश वहांहा अपना परिचय बता कर अपना नियुक्ति लेटर स्टेशन मास्टर केदारनाथ जी को सोपंता है।
स्टेशन मास्टर केदारनाथ बड़े हंसमुख व्यक्ति है वह आकाश को देखकर अपने मिजाज में कहते हैं।
"20 साल की उम्र में नौकरी करना अपने आप से बगावत है, लाल टेकरा गांव के इस स्टेशन में आपका स्वागत है, अब आप काटना हर यात्री की टिकट, और हम खेलेंगे स्टेशन पर क्रिकेट,।
केदारनाथ की यह बात सुनकर आकाश के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है फिर केदारनाथ स्टाफ के तीन अन्य लोगों से भी आकाश का परिचय करा देते हैं और कहते हैं-"यह चाबी लो और स्टेशन का आखरी कमरा जो गांव के पुल पर बना है वही तुम्हारा कमरा है अब वह तुम्हें पसंद आए या ना आए यह अलग बात है पर तुम्हें वही रहना है"।
आकाश शर्मीली मुस्कान के साथ चाबी उठाकर चल पड़ता है और अपने कमरे के पास उस फूल की तरफ देखता है जो बड़ा मनमोहक दृश्य है इस दृश्य में ऐसा लगाव है जो गांव में प्रवेश करने की प्रेरणा दे रहा है और जैसे उसे गांव की ओर खींच रहा है तभी अचानक आकाश के कानों में एक आवाज सुनाई देती है।
"कभी इस पुल को पार मत करना"
आकाश चोकंता हुआ पीछे मुड़कर देखता है, उसके सामने एक फटा कोट पहने, लंबे लंबे उलझे हुए बाल, भिखारी, जैसा डरावना व्यक्ति खड़ा है।
आकाश हिचकते हुए उससे पूछता है -कौन हो तुम?
"मेरा नाम पागल प्रोफ़ेसर है मैं इस गांव का एक बहुत बड़ा रहस्य जानता हूं"। उस पागल व्यक्ति ने कहा
"बड़ा रहस्य जानते हो तो जाकर गांव वालों को बताओ"। आकाश ने उसकी बात काटते हुए कहा
"गांव वाले मुझे पागल समझते हैं इसीलिए तुमको बताना आया हूं"।
"मुझे नहीं सुननी है, तुम्हारी बात, जाओ यहां से। आकाश ने जोर से चिल्ला कर कहा
"तुम्हारी उम्र क्या है"? उस पागल ने पूछा
"क्यों बताऊं तुम्हें"?
"क्योंकि इस गांव में 20 साल के युवक का आना मना है"। उस पागल ने अजीब भाव से कहा
"क्यों कोई कानूनी रोक है, अब मेरी बात ध्यान से सुनो, मेरी उम्र 20 साल है और कल मैं इस गांव में आऊंगा, मुझे मेरा काम करने दो और प्लीज यहां से जाओ।
"ठीक है, अगर आना चाहो तो आ जाना पर उससे कोई वादा मत करना"। उस पागल व्यक्ति ने फिर अजीब भाव से कहा
"मुझे लगता है तुम कोई पागल हो इसीलिए आखरी चेतावनी देकर कहता हूं मैं अपनी आंखें बंद करके 5 तक गिनूंगा अगर तब तक तुम यहां से नहीं गए तो तुम्हें कांस्टेबल को बुलाकर गिरफ्तार करा दूंगा। आकाश ने चिढ़ते हुए कहा
फिर आकाश आंखें बंद करके गिनती गिनने लगा और पांच तक गिनने के बाद आंखें खोलता है तो उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती है क्योंकि उसकी आंखों के सामने वह पागल व्यक्ति तो नहीं है पर एक बेहद ही खूबसूरत लड़की खड़ी है जो बिल्कुल दुल्हन की तरह सजी हुई है।
आकाश के कदम सब कुछ भूल कर खुद ब खुद उस खूबसूरत हसीन लड़की की ओर बढ़ने लगते हैं और उसके नजदीक जाकर ठहर जाते हैं।
"ऐसे क्या देख रहे हो बाबू, क्या पहले कभी लड़की नहीं देखी? उस लड़की ने कहा
"नहीं ऐसी बात नहीं है, तुम दुल्हन की तरह सज कर यहां क्या कर रही हो"?
"फालतू में नहीं आई हूं, किसी की तलाश में आई हूं, जिन से मेरी शादी होने वाली है वह आने वाले हैं, अभी ट्रेन की आवाज सुनी तो उन्हें ढूंढने आई हूं, पर देखो, लगता है वह आज भी नहीं आए। उस लड़की ने कहा
"ओह"कौन है वह?
"हमारे गांव के युवराज हैं गांव की सारी लड़कियां उनकी दीवानी है पर वह मेरे दीवाने हैं"। लड़की ने शर्माते हुए कहा
"नाइस लव स्टोरी"
"आप कौन हैं, पहले तो कभी नहीं देखा आपको यहां,?
"मेरा नाम आकाश है मैं इस स्टेशन का नया टिकट कलेक्टर हूं, आज ही आया हूं"।
"अब चलती हूं, कल फिर आऊंगी"।
वह लड़की चली जाती है फिर आकाश अपने कमरे का ताला खोलकर अंदर दाखिल होता है तभी स्टेशन मास्टर केदारनाथ आता है और पूछता है-"आकाश बाबू कैसा लगा सरकारी कमरा"? अब जैसा भी है यही है,देखो यहां खाने पीने की चीजों की बड़ी आफत है आस पास कोई होटल रेस्टोरेंट नहीं है बस पास में एक गांव है, जहां से हम सभी रेलवे कर्मियों का खाना आता है अगर तुम कहो तो तुम्हारा भी खाना वहीं से मंगवा दूं या तुम खुद ही बना लोगे।
"मुझे खाना बनाना नहीं आता"
"तो ठीक है तुम्हारा भी गांव से मंगा दिया करेंगे बदले में तुम उन्हें कुछ रुपए दे देना, उनका भी काम चलता रहेगा और तुम्हें भी खाना मिलता रहेगा, अब तुम आराम करो कल से ड्यूटी ज्वाइन कर लेना, ऑल द बेस्ट।
"थैंक यू सो मच सर"! वह पागल व्यक्ति कौन है काफी डरावना है क्या वह यहीं रहता है? आकाश ने पूछा
"हाहाहाहा"! वह पागल प्रोफेसर, नहीं, वह पुल के उस पार रहता है कभी-कभी यहां स्टेशन पर आता है तुम उस पर ध्यान मत दो"। केदारनाथ में आश्वस्त भाव से कहा
फिर आकाश अपने घरवालों से फोन पर बात करता है और अपनी कुशलता का समाचार देता है फिर रात को वह खाना खाकर सो जाता है।
इस वक्त रात के 2:00 बजे हैं आकाश गहरी नींद में सोया है तभी अचानक खिड़की अपने आप खुल जाती है और तेज हवा के कारण फड़फड़ाने लगती है इसी आवाज के शोर से आकाश की नींद खुल जाती है वह खिड़की बंद करने के लिए उठता है पर बंद करने से पहले खिड़की के उस पार झांकता है चांदनी रात है, चारों और चांद की चांदनी फेली है चांद अपनी पूरी रवानी पर है और चांद का प्रतिबिंब ठहरी कामिनी नदी के पानी पर प्रदर्शित हो रहा है आकाश प्रकृति के इस अद्भुत सौंदर्य को निहार रहा था कि उसके कानों में किसी के रोने की सिसकियां सुनाई दी।
आकाश की नजरें उन सिसकियों की तलाश करते करते उसी पुल पर जाकर ठहर जाती है जहां उसे वह दुल्हन बनी लड़की मिली थी वह लड़की पुल पर बैठी हुई रो रही है फिर आकाश अपना दरवाजा खोल कर उसके पास आ जाता है।
"तुम इस वक्त यहां पर क्यों रो रही हो"?
"रोऊं नहीं तो और क्या करूं? वह आज भी नहीं आए, मैं उनका इंतजार कर- कर के थक चुकी हूं, जी कर रहा है इस पुल से कूदकर अपनी जान दे दूं।
"पागल हो गई हो क्या? जान देने से वह तुम्हें मिल जाएगा? उसका फोन नंबर दो मैं उससे बात करता हूं।
"नहीं है, मुझे तो यह भी नहीं पता वह कहां है, क्या करता है, कैसा दिखता है? मेरे पास तो केवल इंतजार है जो अब थक चुका है उसी के इंतजार में।
"हा हा हा हा"!तुम्हें नहीं पता वह कहां है? क्या करता है ?और कैसा दिखता है? फिर तुमने उससे प्यार कैसे किया? मुझे लगता है तुमने प्यार नहीं, कोई पागलपन किया है भूल जाओ उसे और गांव में कोई और ढूंढ लो।
"गांव में एक भी लड़का 20 साल का नहीं है और जितने भी लड़के हैं सभी धोखेबाज"। लड़की ने कहा
"व्हाट"? एक भी लड़का 20 साल का नहीं है और जितने भी है, सभी धोखेबाज हैं तुम्हें कैसे पता कि सभी धोखेबाज है क्या तुमने सभी से प्यार किया था?
"हां"! लड़के ने जवाब दिया
आकाश लड़की का यह जवाब सुनकर चौक जाता है और अपने चेहरे पर हल्की मुस्कान लिए कहता है।
"तुम तो बड़ी खतरनाक लड़की निकली यार, मैं तो तुम्हें बड़ी दुख भरी टाइप की लड़की समझ रहा था पर तुम तो कमाल हो, अब मेरी बात ध्यान से सुनो अभी रात बहुत हो चुकी है तुम घर जाओ हम सुबह मिलेंगे।
"मैं कहीं नहीं जाऊंगी यही अगली ट्रेन आने तक उसका इंतजार करूंगी अगर वह अगली ट्रेन में नहीं आया तो आज इस पुल से कूदकर अपनी जान दे दूंगी"। लड़की ने दृढ़ता से कहां
"अरे नहीं, तुम इस वक्त गुस्से में हो, तुम, मेरे साथ मेरे घर चलो"। आकाश ने हड़बड़ाहट में कहा
"तुम्हारा घर नदी के उस पार है और मैं नदी के उस पर कभी नहीं जा सकती अगर नदी के उस पार जा पाती तो कब का उसे ढूंढ कर ले आती।
"तुम नदी के उस पर क्यों नहीं जा सकती"?
"मैंने मेरे पिताजी से वादा किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए पर मैं कभी इस नदी को पार नहीं करूंगी, मेरा यह वादा ही मेरे लिए श्राप बन गया है।
"ओके मैं तुम्हारी मदद करूंगा पर उसके लिए तुम्हें मेरी बात माननी होगी अभी तुम घर जाओ क्योंकि इतनी रात को अच्छे घर की लड़कियां बाहर नहीं निकलती है और वैसे भी तुम बहुत खूबसूरत हो तुम्हारे साथ तो कोई भी कुछ भी कर सकता है"। आकाश ने समझाने के भाव से कहा
"मेरे साथ जो होना था वह हो चुका, अब मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, तुम भी मेरी फिक्र छोड़ दो, और जाओ, मुझे कुछ नहीं होगा।
"ठीक है, मैं चलता हूं, अपने कमरे की खिड़की से तुम पर नजर रखूंगा, बाय, गुड नाइट।
आकाश लड़की, की यह संतोषजनक बात सुनकर जाने के लिए मुड़ता है और चार कदम ही चलता है तभी उसके कानों में एक छपाक,,, की आवाज सुनाई देती है वह लड़की पानी में कुद चुकी है और डूब रही है। आकाश उसे बचाना तो चाहता है पर उसे तैरना नहीं आता है।
क्या आकाश अपनी जान को जोखिम में डालकर इस लड़की को बचाएगा या फिर इस लड़की को यही मरने के लिए छोड़ देगा?
आखिर कौन है यह लड़की जिसका उसे नाम भी नहीं पता फिर भी वह उसकी ओर खिंचा चला आता है?
आखिर कौन है वह शख्स जिसका यह लड़की इंतजार कर रही है?
आखिर कौन है वह पागल प्रोफ़ेसर जो 20 साल के लड़कों को गांव में जाने के लिए मना करता है?
अपने सभी द्वंद्व और प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए पढ़ते रहिए "कामिनी एक अजीब दास्तां"
Chetna swrnkar
19-Jul-2022 09:43 PM
Nice 👍
Reply
सिया पंडित
19-Feb-2022 02:03 PM
Good start
Reply
Punam verma
17-Feb-2022 06:28 PM
Nice
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